प्रेरक प्रसंग : बुरो न मिल्यो को्‍य

 प्रेरक प्रसंग : बुरो न मिल्यो को्‍य 



एक राजा को जब पता चला कि मेरे राज्य में एक ऐसा व्यक्ति है जिसका सुबह-सुबह मुख देखने से दिन भर भोजन नही मिलता है।

सच्चाई जानने के इच्छा से उस व्यक्ति को राजा ने अपने साथ सुलाया।

दुसरे दिन राजा की व्यस्तता ऐसी बढ़ी कि राजा शाम तक भोजन नही कर सका ।


इस बात से क्रुद्ध होकर राजा ने उसे तत्काल फांसी की सजा का ऐलान कर दिया।

आखिरी इच्छा के अंतर्गत उस व्यक्ति ने कहा- राजन मेरा मुँह देखने से आप को शाम तक भोजन नही मिला, किंतु आप का मुँह देखने से मुझे मौत मिलने वाली है।

इतना सुनते ही लज्जित राजा को संत वाणी याद आ गई....

*बुरो जो देखण मै चल्यो, बुरो न मिल्यो कोय।*

*जो दिल ढूढ्यो आपणो, मुझ सो बुरो न कोय ।।*


कमियां अपने मे ढूंढो, दूसरों मे नही...


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🙏🙏🌹🙏🙏

*आपका मित्र एवम् शुभेच्छू*

GR Dhaka Fatehpura

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